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> पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
> 1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन
> 4. नकुल। 5. सहदेव
>
> ( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )
>
> यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
> की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।
>
> वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
> कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
> 1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह
> 4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम
> 7. सह 8. विंद 9. अनुविंद
> 10. दुर्धर्ष 11. सुबाहु। 12. दुषप्रधर्षण
> 13. दुर्मर्षण। 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण
> 16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान
> 19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र
> 22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन
> 25. दुर्मद। 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु
> 28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
> 31. नन्द। 32. उपनन्द 33. चित्रबाण
> 34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन
> 37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग 42. भीमबल
> 43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
> 46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर
> 49. चित्रायुध 50. निषंगी 51. पाशी
> 52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र
> 55. सोमकीर्ति 56. अनूदर 57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
> 61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी
> 64. दुष्पराजय 65. अपराजित
> 66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष
> 68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त
> 71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु
> 74. बह्वाशी 75. नागदत्त 76. उग्रशायी
> 77. कवचि 78. क्रथन। 79. कुण्डी
> 80. भीमविक्र 81. धनुर्धर 82. वीरबाहु
> 83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा
> 86. दृढ़रथाश्रय 87. अनाधृष्य
> 88. कुण्डभेदी। 89. विरवि
> 90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम
> 92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा
> 94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु
> 96. सुजात। 97. कनकध्वज
> 98. कुण्डाशी 99. विरज
> 100. युयुत्सु
>
> ( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
> जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )
>
> "श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
>
> ॐ . किसको किसने सुनाई?
> उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
>
> ॐ . कब सुनाई?
> उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
>
> ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
> उ.- रविवार के दिन।
>
> ॐ. कोनसी तिथि को?
> उ.- एकादशी
>
> ॐ. कहा सुनाई?
> उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
>
> ॐ. कितनी देर में सुनाई?
> उ.- लगभग 45 मिनट में
>
> ॐ. क्यू सुनाई?
> उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
>
> ॐ. कितने अध्याय है?
> उ.- कुल 18 अध्याय
>
> ॐ. कितने श्लोक है?
> उ.- 700 श्लोक
>
> ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
> उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
>
> ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
> और किन किन लोगो ने सुना?
> उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
>
> ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
> उ.- भगवान सूर्यदेव को
>
> ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
> उ.- उपनिषदों में
>
> ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
> उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
>
> ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
> उ.- गीतोपनिषद
>
> ॐ. गीता का सार क्या है?
> उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
>
> ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
> उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
> अर्जुन ने- 85
> धृतराष्ट्र ने- 1
> संजय ने- 40.
>
> अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
>
>
> अधूरा ज्ञान खतरना होता है।
>
> 33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
> धर्म मेँ।
>
> कोटि = प्रकार।
> देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,
>
> कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
>
> हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
>
> कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
>
> 12 प्रकार हैँ
> आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
> शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
> सविता, तवास्था, और विष्णु...!
>
> 8 प्रकार हे :-
> वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
>
> 11 प्रकार है :-
> रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
> अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
> रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
>
> एवँ
> दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
>
> कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
>
> अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
> तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
> लोगो तक पहुचाएं। ।
>
> 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
> १ हिन्दु हाेने के नाते यह जानना ज़रूरी है
>
> अब आपकी बारी है कि इस जानकारी को आगे बढ़ाएँ ......
>
>
>
> अपनी भारत की संस्कृति
> को पहचाने.
> ज्यादा से ज्यादा
> लोगो तक पहुचाये.
> खासकर अपने बच्चो को बताए
> क्योकि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...
>
> 📜😇 दो पक्ष-
>
> कृष्ण पक्ष ,
> शुक्ल पक्ष !
>
> 📜😇 तीन ऋण -
>
> देव ऋण ,
> पितृ ऋण ,
> ऋषि ऋण !
>
> 📜😇 चार युग -
>
> सतयुग ,
> त्रेतायुग ,
> द्वापरयुग ,
> कलियुग !
>
> 📜😇 चार धाम -
>
> द्वारिका ,
> बद्रीनाथ ,
> जगन्नाथ पुरी ,
> रामेश्वरम धाम !
>
> 📜😇 चारपीठ -
>
> शारदा पीठ ( द्वारिका )
> ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
> गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
> शृंगेरीपीठ !
>
> 📜😇 चार वेद-
>
> ऋग्वेद ,
> अथर्वेद ,
> यजुर्वेद ,
> सामवेद !
>
> 📜😇 चार आश्रम -
>
> ब्रह्मचर्य ,
> गृहस्थ ,
> वानप्रस्थ ,
> संन्यास !
>
> 📜😇 चार अंतःकरण -
>
> मन ,
> बुद्धि ,
> चित्त ,
> अहंकार !
>
> 📜😇 पञ्च गव्य -
>
> गाय का घी ,
> दूध ,
> दही ,
> गोमूत्र ,
> गोबर !
>
> 📜😇 पञ्च देव -
>
> गणेश ,
> विष्णु ,
> शिव ,
> देवी ,
> सूर्य !
>
> 📜😇 पंच तत्त्व -
>
> पृथ्वी ,
> जल ,
> अग्नि ,
> वायु ,
> आकाश !
>
> 📜😇 छह दर्शन -
>
> वैशेषिक ,
> न्याय ,
> सांख्य ,
> योग ,
> पूर्व मिसांसा ,
> दक्षिण मिसांसा !
>
> 📜😇 सप्त ऋषि -
>
> विश्वामित्र ,
> जमदाग्नि ,
> भरद्वाज ,
> गौतम ,
> अत्री ,
> वशिष्ठ और कश्यप!
>
> 📜😇 सप्त पुरी -
>
> अयोध्या पुरी ,
> मथुरा पुरी ,
> माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
> काशी ,
> कांची
> ( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
> अवंतिका और
> द्वारिका पुरी !
>
> 📜😊 आठ योग -
>
> यम ,
> नियम ,
> आसन ,
> प्राणायाम ,
> प्रत्याहार ,
> धारणा ,
> ध्यान एवं
> समािध !
>
> 📜😇 आठ लक्ष्मी -
>
> आग्घ ,
> विद्या ,
> सौभाग्य ,
> अमृत ,
> काम ,
> सत्य ,
> भोग ,एवं
> योग लक्ष्मी !
>
> 📜😇 नव दुर्गा --
>
> शैल पुत्री ,
> ब्रह्मचारिणी ,
> चंद्रघंटा ,
> कुष्मांडा ,
> स्कंदमाता ,
> कात्यायिनी ,
> कालरात्रि ,
> महागौरी एवं
> सिद्धिदात्री !
>
> 📜😇 दस दिशाएं -
>
> पूर्व ,
> पश्चिम ,
> उत्तर ,
> दक्षिण ,
> ईशान ,
> नैऋत्य ,
> वायव्य ,
> अग्नि
> आकाश एवं
> पाताल !
>
> 📜😇 मुख्य ११ अवतार -
>
> मत्स्य ,
> कच्छप ,
> वराह ,
> नरसिंह ,
> वामन ,
> परशुराम
> श्री राम ,
> कृष्ण ,
> बलराम ,
> बुद्ध ,
> एवं कल्कि !
>
> 📜😇 बारह मास -
>
> चैत्र ,
> वैशाख ,
> ज्येष्ठ ,
> अषाढ ,
> श्रावण ,
> भाद्रपद ,
> अश्विन ,
> कार्तिक ,
> मार्गशीर्ष ,
> पौष ,
> माघ ,
> फागुन !
>
> 📜😇 बारह राशी -
>
> मेष ,
> वृषभ ,
> मिथुन ,
> कर्क ,
> सिंह ,
> कन्या ,
> तुला ,
> वृश्चिक ,
> धनु ,
> मकर ,
> कुंभ ,
> कन्या !
>
> 📜😇 बारह ज्योतिर्लिंग -
>
> सोमनाथ ,
> मल्लिकार्जुन ,
> महाकाल ,
> ओमकारेश्वर ,
> बैजनाथ ,
> रामेश्वरम ,
> विश्वनाथ ,
> त्र्यंबकेश्वर ,
> केदारनाथ ,
> घुष्नेश्वर ,
> भीमाशंकर ,
> नागेश्वर !
>
> 📜😇 पंद्रह तिथियाँ -
>
> प्रतिपदा ,
> द्वितीय ,
> तृतीय ,
> चतुर्थी ,
> पंचमी ,
> षष्ठी ,
> सप्तमी ,
> अष्टमी ,
> नवमी ,
> दशमी ,
> एकादशी ,
> द्वादशी ,
> त्रयोदशी ,
> चतुर्दशी ,
> पूर्णिमा ,
> अमावास्या !
>
> 📜😇 स्मृतियां -
>
> मनु ,
> विष्णु ,
> अत्री ,
> हारीत ,
> याज्ञवल्क्य ,
> उशना ,
> अंगीरा ,
> यम ,
> आपस्तम्ब ,
> सर्वत ,
> कात्यायन ,
> ब्रहस्पति ,
> पराशर ,
> व्यास ,
> शांख्य ,
> लिखित ,
> दक्ष ,
> शातातप ,
> वशिष्ठ !
>
>
> इस पोस्ट को अधिकाधिक शेयर करें जिससे सबको हमारी संस्कृति का ज्ञान हो।
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> पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
> 1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन
> 4. नकुल। 5. सहदेव
>
> ( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )
>
> यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
> की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।
>
> वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
> कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
> 1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह
> 4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम
> 7. सह 8. विंद 9. अनुविंद
> 10. दुर्धर्ष 11. सुबाहु। 12. दुषप्रधर्षण
> 13. दुर्मर्षण। 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण
> 16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान
> 19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र
> 22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन
> 25. दुर्मद। 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु
> 28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
> 31. नन्द। 32. उपनन्द 33. चित्रबाण
> 34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन
> 37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग 42. भीमबल
> 43. बालाकि 44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
> 46. सुषेण 47. कुण्डधर 48. महोदर
> 49. चित्रायुध 50. निषंगी 51. पाशी
> 52. वृन्दारक 53. दृढ़वर्मा 54. दृढ़क्षत्र
> 55. सोमकीर्ति 56. अनूदर 57. दढ़संघ 58. जरासंघ 59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
> 61. उग्रश्रवा 62. उग्रसेन 63. सेनानी
> 64. दुष्पराजय 65. अपराजित
> 66. कुण्डशायी 67. विशालाक्ष
> 68. दुराधर 69. दृढ़हस्त 70. सुहस्त
> 71. वातवेग 72. सुवर्च 73. आदित्यकेतु
> 74. बह्वाशी 75. नागदत्त 76. उग्रशायी
> 77. कवचि 78. क्रथन। 79. कुण्डी
> 80. भीमविक्र 81. धनुर्धर 82. वीरबाहु
> 83. अलोलुप 84. अभय 85. दृढ़कर्मा
> 86. दृढ़रथाश्रय 87. अनाधृष्य
> 88. कुण्डभेदी। 89. विरवि
> 90. चित्रकुण्डल 91. प्रधम
> 92. अमाप्रमाथि 93. दीर्घरोमा
> 94. सुवीर्यवान 95. दीर्घबाहु
> 96. सुजात। 97. कनकध्वज
> 98. कुण्डाशी 99. विरज
> 100. युयुत्सु
>
> ( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
> जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )
>
> "श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-
>
> ॐ . किसको किसने सुनाई?
> उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।
>
> ॐ . कब सुनाई?
> उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
>
> ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
> उ.- रविवार के दिन।
>
> ॐ. कोनसी तिथि को?
> उ.- एकादशी
>
> ॐ. कहा सुनाई?
> उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।
>
> ॐ. कितनी देर में सुनाई?
> उ.- लगभग 45 मिनट में
>
> ॐ. क्यू सुनाई?
> उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।
>
> ॐ. कितने अध्याय है?
> उ.- कुल 18 अध्याय
>
> ॐ. कितने श्लोक है?
> उ.- 700 श्लोक
>
> ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
> उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।
>
> ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा
> और किन किन लोगो ने सुना?
> उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने
>
> ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
> उ.- भगवान सूर्यदेव को
>
> ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
> उ.- उपनिषदों में
>
> ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
> उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।
>
> ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
> उ.- गीतोपनिषद
>
> ॐ. गीता का सार क्या है?
> उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना
>
> ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
> उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
> अर्जुन ने- 85
> धृतराष्ट्र ने- 1
> संजय ने- 40.
>
> अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद
>
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> अधूरा ज्ञान खतरना होता है।
>
> 33 करोड नहीँ 33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
> धर्म मेँ।
>
> कोटि = प्रकार।
> देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,
>
> कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।
>
> हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
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> कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-
>
> 12 प्रकार हैँ
> आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
> शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
> सविता, तवास्था, और विष्णु...!
>
> 8 प्रकार हे :-
> वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
>
> 11 प्रकार है :-
> रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
> अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
> रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
>
> एवँ
> दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।
>
> कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी
>
> अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
> तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
> लोगो तक पहुचाएं। ।
>
> 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
> १ हिन्दु हाेने के नाते यह जानना ज़रूरी है
>
> अब आपकी बारी है कि इस जानकारी को आगे बढ़ाएँ ......
>
>
>
> अपनी भारत की संस्कृति
> को पहचाने.
> ज्यादा से ज्यादा
> लोगो तक पहुचाये.
> खासकर अपने बच्चो को बताए
> क्योकि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...
>
> 📜😇 दो पक्ष-
>
> कृष्ण पक्ष ,
> शुक्ल पक्ष !
>
> 📜😇 तीन ऋण -
>
> देव ऋण ,
> पितृ ऋण ,
> ऋषि ऋण !
>
> 📜😇 चार युग -
>
> सतयुग ,
> त्रेतायुग ,
> द्वापरयुग ,
> कलियुग !
>
> 📜😇 चार धाम -
>
> द्वारिका ,
> बद्रीनाथ ,
> जगन्नाथ पुरी ,
> रामेश्वरम धाम !
>
> 📜😇 चारपीठ -
>
> शारदा पीठ ( द्वारिका )
> ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
> गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
> शृंगेरीपीठ !
>
> 📜😇 चार वेद-
>
> ऋग्वेद ,
> अथर्वेद ,
> यजुर्वेद ,
> सामवेद !
>
> 📜😇 चार आश्रम -
>
> ब्रह्मचर्य ,
> गृहस्थ ,
> वानप्रस्थ ,
> संन्यास !
>
> 📜😇 चार अंतःकरण -
>
> मन ,
> बुद्धि ,
> चित्त ,
> अहंकार !
>
> 📜😇 पञ्च गव्य -
>
> गाय का घी ,
> दूध ,
> दही ,
> गोमूत्र ,
> गोबर !
>
> 📜😇 पञ्च देव -
>
> गणेश ,
> विष्णु ,
> शिव ,
> देवी ,
> सूर्य !
>
> 📜😇 पंच तत्त्व -
>
> पृथ्वी ,
> जल ,
> अग्नि ,
> वायु ,
> आकाश !
>
> 📜😇 छह दर्शन -
>
> वैशेषिक ,
> न्याय ,
> सांख्य ,
> योग ,
> पूर्व मिसांसा ,
> दक्षिण मिसांसा !
>
> 📜😇 सप्त ऋषि -
>
> विश्वामित्र ,
> जमदाग्नि ,
> भरद्वाज ,
> गौतम ,
> अत्री ,
> वशिष्ठ और कश्यप!
>
> 📜😇 सप्त पुरी -
>
> अयोध्या पुरी ,
> मथुरा पुरी ,
> माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
> काशी ,
> कांची
> ( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
> अवंतिका और
> द्वारिका पुरी !
>
> 📜😊 आठ योग -
>
> यम ,
> नियम ,
> आसन ,
> प्राणायाम ,
> प्रत्याहार ,
> धारणा ,
> ध्यान एवं
> समािध !
>
> 📜😇 आठ लक्ष्मी -
>
> आग्घ ,
> विद्या ,
> सौभाग्य ,
> अमृत ,
> काम ,
> सत्य ,
> भोग ,एवं
> योग लक्ष्मी !
>
> 📜😇 नव दुर्गा --
>
> शैल पुत्री ,
> ब्रह्मचारिणी ,
> चंद्रघंटा ,
> कुष्मांडा ,
> स्कंदमाता ,
> कात्यायिनी ,
> कालरात्रि ,
> महागौरी एवं
> सिद्धिदात्री !
>
> 📜😇 दस दिशाएं -
>
> पूर्व ,
> पश्चिम ,
> उत्तर ,
> दक्षिण ,
> ईशान ,
> नैऋत्य ,
> वायव्य ,
> अग्नि
> आकाश एवं
> पाताल !
>
> 📜😇 मुख्य ११ अवतार -
>
> मत्स्य ,
> कच्छप ,
> वराह ,
> नरसिंह ,
> वामन ,
> परशुराम
> श्री राम ,
> कृष्ण ,
> बलराम ,
> बुद्ध ,
> एवं कल्कि !
>
> 📜😇 बारह मास -
>
> चैत्र ,
> वैशाख ,
> ज्येष्ठ ,
> अषाढ ,
> श्रावण ,
> भाद्रपद ,
> अश्विन ,
> कार्तिक ,
> मार्गशीर्ष ,
> पौष ,
> माघ ,
> फागुन !
>
> 📜😇 बारह राशी -
>
> मेष ,
> वृषभ ,
> मिथुन ,
> कर्क ,
> सिंह ,
> कन्या ,
> तुला ,
> वृश्चिक ,
> धनु ,
> मकर ,
> कुंभ ,
> कन्या !
>
> 📜😇 बारह ज्योतिर्लिंग -
>
> सोमनाथ ,
> मल्लिकार्जुन ,
> महाकाल ,
> ओमकारेश्वर ,
> बैजनाथ ,
> रामेश्वरम ,
> विश्वनाथ ,
> त्र्यंबकेश्वर ,
> केदारनाथ ,
> घुष्नेश्वर ,
> भीमाशंकर ,
> नागेश्वर !
>
> 📜😇 पंद्रह तिथियाँ -
>
> प्रतिपदा ,
> द्वितीय ,
> तृतीय ,
> चतुर्थी ,
> पंचमी ,
> षष्ठी ,
> सप्तमी ,
> अष्टमी ,
> नवमी ,
> दशमी ,
> एकादशी ,
> द्वादशी ,
> त्रयोदशी ,
> चतुर्दशी ,
> पूर्णिमा ,
> अमावास्या !
>
> 📜😇 स्मृतियां -
>
> मनु ,
> विष्णु ,
> अत्री ,
> हारीत ,
> याज्ञवल्क्य ,
> उशना ,
> अंगीरा ,
> यम ,
> आपस्तम्ब ,
> सर्वत ,
> कात्यायन ,
> ब्रहस्पति ,
> पराशर ,
> व्यास ,
> शांख्य ,
> लिखित ,
> दक्ष ,
> शातातप ,
> वशिष्ठ !
>
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