Saturday 20 June 2015

Sanskrit एक वैज्ञानिक भाषा है...

> Sanskrit एक वैज्ञानिक भाषा है
> और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है
> उसके पीछे कुछ कारण है ,
> अंग्रेजी भाषा में ये
> बात देखने में नहीं आती |
> ______________________
> क, ख, ग, घ, ङ- कंठव्य कहे गए,
> क्योंकि इनके उच्चारण के समय
> ध्वनि
> कंठ से निकलती है।
> एक बार बोल कर देखिये |
>
> च, छ, ज, झ,ञ- तालव्य कहे गए,
> क्योंकि इनके उच्चारण के
> समय जीभ
> तालू से लगती है।
> एक बार बोल कर देखिये |
>
> ट, ठ, ड, ढ , ण- मूर्धन्य कहे गए,
> क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के
> मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है।
> एक बार बोल कर देखिये |
> 😀
>
> त, थ, द, ध, न- दंतीय कहे गए,
> क्योंकि इनके उच्चारण के
> समय
> जीभ दांतों से लगती है।
> एक बार बोल कर देखिये |
>
> प, फ, ब, भ, म,- ओष्ठ्य कहे गए,
> क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के
> मिलने
> पर ही होता है। एक बार बोल
> कर देखिये ।
> 😀
> ________________________
>
> हम अपनी भाषा पर गर्व
> करते हैं ये सही है परन्तु लोगो को
> इसका कारण भी बताईये |
> इतनी वैज्ञानिकता
> दुनिया की किसी भाषा मे
> नही है
> जय हिन्द
> क,ख,ग क्या कहता है जरा गौर करें....
> ••••••••••••••••••••••••••••••••••••
> क - क्लेश मत करो
> ख- खराब मत करो
> ग- गर्व ना करो
> घ- घमण्ड मत करो
> च- चिँता मत करो
> छ- छल-कपट मत करो
> ज- जवाबदारी निभाओ
> झ- झूठ मत बोलो
> ट- टिप्पणी मत करो
> ठ- ठगो मत
> ड- डरपोक मत बनो
> ढ- ढोंग ना करो
> त- तैश मे मत रहो
> थ- थको मत
> द- दिलदार बनो
> ध- धोखा मत करो
> न- नम्र बनो
> प- पाप मत करो
> फ- फालतू काम मत करो
> ब- बिगाङ मत करो
> भ- भावुक बनो
> म- मधुर बनो
> य- यशश्वी बनो
> र- रोओ मत
> ल- लोभ मत करो
> व- वैर मत करो
> श- शत्रुता मत करो
> ष- षटकोण की तरह स्थिर रहो
> स- सच बोलो
> ह- हँसमुख रहो
> क्ष- क्षमा करो
> त्र- त्रास मत करो
> ज्ञ- ज्ञानी बनो !!
>
> कृपया इस ज्ञान की जानकारी सभी को अग्र प्रेषित करें ।

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